भारतीय सिनेमा में देशभक्ति और वीरता पर आधारित फिल्मों की हमेशा एक खास जगह रही है। हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘केसरी वीर’ न सिर्फ एक साहसी कहानी को पर्दे पर उतारती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे आज के दौर में देशभक्ति को नई पीढ़ी के सामने प्रस्तुत किया जाए। फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले अभिनेता सुनील शेट्टी और सूरज पंचोली ने एक खास बातचीत में अपने अनुभव साझा किए और यह भी बताया कि ऐसी फिल्मों की समाज में क्या अहमियत है।
🇮🇳 केसरी वीर: एक वीरगाथा
फिल्म ‘केसरी वीर’ 1897 की सारागढ़ी की ऐतिहासिक लड़ाई पर आधारित नहीं है, लेकिन उससे प्रेरित है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात भारतीय सैनिक अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करते हैं। फिल्म में एक काल्पनिक लेकिन बेहद भावुक कहानी के माध्यम से शौर्य, बलिदान और कर्तव्यनिष्ठा को चित्रित किया गया है।
🎥 सुनील शेट्टी बोले – “यह फिल्म एक जिम्मेदारी है”
सुनील शेट्टी, जो फिल्म में एक अनुभवी फौजी के रोल में नजर आ रहे हैं, कहते हैं:
“जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मुझे लगा कि ये सिर्फ एक फिल्म नहीं है, बल्कि एक जिम्मेदारी है। हमें आज की पीढ़ी को बताना होगा कि देश के लिए मर-मिटने वाले लोग कौन होते हैं। केसरी वीर जैसी फिल्में यही करती हैं—वे हमें याद दिलाती हैं कि हम किस मिट्टी के बने हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि फिल्म की शूटिंग कई बार भावनात्मक रूप से भारी पड़ गई, खासकर उन दृश्यों में जहां शहीदों की चिट्ठियां और उनके आखिरी पल दिखाए गए।
👨✈️ सूरज पंचोली का अनुभव – “मैंने एक सिपाही बनकर जीना सीखा”
फिल्म में सूरज पंचोली ने एक युवा सैनिक का किरदार निभाया है जो पहली बार युद्धक्षेत्र में तैनात होता है। सूरज कहते हैं:
“मैंने शूटिंग से पहले सेना की बेसिक ट्रेनिंग ली। यूनिफॉर्म पहनते ही जिम्मेदारी का एहसास हो जाता है। जब आपको पता हो कि आप उन लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो असली जिंदगी में जान गंवा देते हैं, तो अभिनय से परे कुछ और भी महसूस होता है।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने फिल्म में फिजिकल ट्रेनिंग, बंदूक चलाना, और सेना के अनुशासन को बारीकी से सीखा ताकि किरदार में पूरी तरह ढल सकें।
🎬 देशभक्ति फिल्मों की अहमियत
‘केसरी वीर’ जैसी फिल्में सिर्फ एक्शन और ड्रामा नहीं होतीं, वे एक सांस्कृतिक और भावनात्मक दस्तावेज़ बन जाती हैं जो लोगों के दिलों में देश के प्रति प्यार और गर्व को बढ़ाती हैं। आज के समय में, जब सोशल मीडिया और ग्लैमर की दुनिया युवाओं को आकर्षित करती है, ऐसे में देशभक्ति पर आधारित फिल्में उन्हें जिम्मेदारी और देशप्रेम का संदेश देती हैं।
🎯 निर्देशक की सोच
फिल्म के निर्देशक ने कहा कि उनका मकसद सिर्फ एक थ्रिलर बनाना नहीं था, बल्कि एक ऐसा अनुभव रचाना था जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से झकझोर दे। उन्होंने कहा कि,
“हम चाहते थे कि जब लोग थिएटर से बाहर निकलें तो उनके मन में देश के जवानों के लिए इज्जत और कृतज्ञता हो।”
📌 निष्कर्ष
‘केसरी वीर’ सिर्फ एक फिल्म नहीं है, बल्कि ये एक श्रद्धांजलि है उन तमाम गुमनाम हीरोज़ को जो सीमा पर तैनात हैं। सुनिल शेट्टी और सूरज पंचोली जैसे एक्टर्स के जरिए फिल्म को असल भावनात्मक गहराई मिलती है। देशभक्ति फिल्मों की ज़रूरत आज पहले से कहीं ज्यादा है क्योंकि ये हमें हमारी जड़ों से जोड़ती हैं और याद दिलाती हैं कि “देश पहले है, बाकी सब बाद में।”
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