हाल ही में पाकिस्तान की तरफ से एक बार फिर कायरता और उकसावे की कार्यवाही सामने आई, जिसने न केवल देशवासियों को गुस्से से भर दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस भी छेड़ दी। ऐसे समय में आम लोगों की अपेक्षा रहती है कि देश के जाने-माने सितारे, खासकर बॉलीवुड से जुड़े लोग, खुलकर सामने आएं और देश के समर्थन में बोलें। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अधिकतर बॉलीवुड सेलेब्स इस मुद्दे पर चुप हैं।
यह चुप्पी कई सवालों को जन्म देती है:
- क्या सेलेब्स किसी दबाव में हैं?
- क्या अंतरराष्ट्रीय ब्रांड और फॉलोअर्स का डर उन्हें रोकता है?
- या फिर ये उनकी ‘न्यूट्रल’ इमेज का हिस्सा है?
🎭 पहले भी दिख चुकी है खामोशी
यह पहला मौका नहीं है जब बॉलीवुड सेलेब्स ने इस तरह की गंभीर राष्ट्रीय घटना पर चुप्पी साधी हो।
- पुलवामा हमले के वक्त भी कुछ गिने-चुने सितारों ने आवाज उठाई थी, बाकी ने “नो कमेंट” को अपनी ढाल बना लिया था।
- उरी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी यही नज़ारा था।
लेकिन आम जनता अब सोशल मीडिया पर इस रवैये पर सवाल उठा रही है—“देश से कमाई, देश से प्यार नहीं?”
🎬 उद्योग की मजबूरी या चुप्पी की आदत?
बॉलीवुड एक ग्लोबल इंडस्ट्री है। बड़े सितारों के ब्रांड डील्स, इंटरनेशनल इमेज, और सोशल मीडिया फॉलोअर्स अब केवल भारत तक सीमित नहीं हैं।
- पाकिस्तान में भी भारतीय फिल्मों की बड़ी फैन फॉलोइंग है।
- कई ब्रांड्स चाहेंगे कि उनके एम्बेसडर किसी भी पोलिटिकल या जियो-पॉलिटिकल विवाद से दूर रहें।
इस वजह से कई बार सितारे इन संवेदनशील मामलों में बोलने से कतराते हैं। मगर सवाल ये उठता है—जब मामला देश की अस्मिता का हो, तब भी चुप रहना जायज है क्या?
🗣️ कुछ सेलेब्स ने तोड़ी चुप्पी
हालांकि, सभी एक जैसे नहीं हैं। कुछ बॉलीवुड कलाकारों ने पाकिस्तान की इस हरकत की कड़ी निंदा की है।
- अक्षय कुमार, कंगना रनौत, अनुपम खेर, और विवेक अग्निहोत्री जैसे नाम देशहित में बिना किसी डर के खुलकर बोलते रहे हैं।
- इनके बयान न सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं, बल्कि आम लोगों का भरोसा भी इन पर मजबूत होता है।
🧠 विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
मीडिया एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कई बार सेलेब्स का बोलना या न बोलना, उनकी PR टीम तय करती है। वे छवि को संभालने के लिए ‘safe silence’ को बेहतर मानते हैं।
लेकिन यह भी सच है कि चुप्पी कई बार कायरता की निशानी बन जाती है, खासकर तब जब मामला राष्ट्रहित और सेना के अपमान का हो।
📌 जनता क्या सोचती है?
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने नाराजगी जताते हुए कहा:
“जब फैशन शो या अवॉर्ड्स होते हैं तो सब लाइन में दिखते हैं, लेकिन देश पर हमला हो तो सबके मुंह सिल जाते हैं?”
“इनको देश की फिक्र कम, ब्रांड्स की फिक्र ज्यादा है।”
जनता अब यह तय करने लगी है कि कौन सितारा केवल परदे पर हीरो है और कौन असल ज़िंदगी में भी।
🔚 निष्कर्ष
बॉलीवुड को समझना होगा कि उनके पास केवल मनोरंजन का ही नहीं, बल्कि प्रभाव का भी बड़ा दायरा है। जब देश पर संकट आता है, तो उनकी चुप्पी सवालों के घेरे में आ जाती है। भारत के दर्शकों ने उन्हें स्टार बनाया है, ऐसे में देश के खिलाफ किसी भी हरकत पर उनका खुलकर स्टैंड लेना नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
वरना एक दिन ये चुप्पी उनकी चमक को फीका कर देगी।
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