बॉलीवुड की आइकॉनिक फिल्मों में शुमार ‘खून भरी मांग’ (1988) आज भी दर्शकों के दिलों में अपनी अलग जगह रखती है। इस फिल्म में रेखा ने अपनी अभिनय क्षमता से सबको चौंका दिया था, लेकिन इस फिल्म में उनके साथ नजर आए थे हैंडसम और दमदार अभिनेता कबीर बेदी, जिन्होंने फिल्म में ग्रे शेड किरदार निभाया था। हाल ही में एक इंटरव्यू में कबीर बेदी ने बताया कि उन्होंने इस फिल्म में काम करने का फैसला क्यों लिया और रेखा के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा।
🎬 क्यों चुनी ‘खून भरी मांग’?
कबीर बेदी उस वक्त इंटरनेशनल लेवल पर इटली, अमेरिका और ब्रिटेन में एक्टिंग कर रहे थे। हिंदी फिल्मों से थोड़ी दूरी बनाकर वह ग्लोबल प्रोजेक्ट्स में व्यस्त थे। लेकिन जब निर्माता-निर्देशक रेणु सलूजा और राकेश रोशन ने उन्हें ‘खून भरी मांग’ की स्क्रिप्ट सुनाई, तो वे मना नहीं कर पाए।
कबीर बेदी कहते हैं:
“यह रोल सिर्फ एक खलनायक का नहीं था, इसमें कई शेड्स थे – मोहक, चालाक, क्रूर और भावनात्मक। एक एक्टर के लिए इससे अच्छा किरदार क्या हो सकता है।”
💃 रेखा के साथ काम करने का अनुभव
‘खून भरी मांग’ में रेखा ने एक अमीर महिला की भूमिका निभाई थी जिसे उसका पति धोखा देकर मरने के लिए छोड़ देता है, लेकिन वह ज़िंदा बच जाती है और बदलकर लौटती है—बदला लेने के लिए। कबीर बेदी उस बेवफा पति का किरदार निभा रहे थे।
रेखा के साथ काम करने को लेकर कबीर बेदी ने कहा:
“रेखा सिर्फ एक अदाकारा नहीं, बल्कि एक सोच हैं। वह जिस तरह हर सीन को जीती हैं, वो प्रेरणादायक है। उनके साथ स्क्रीन शेयर करना मेरे करियर के अहम मोड़ में से एक था।”
उन्होंने यह भी बताया कि रेखा बेहद प्रोफेशनल थीं और उन्हें इस फिल्म के लिए काफी मेहनत करते देखा।
🎥 किरदार निभाना था चुनौतीपूर्ण
कबीर बेदी के लिए यह रोल आसान नहीं था। वह कहते हैं:
“मुझे दर्शकों को इतना प्रभावित करना था कि वे मुझसे नफरत करें, लेकिन साथ ही मेरा आकर्षण भी महसूस करें। ये संतुलन बनाना आसान नहीं होता।”
फिल्म में कबीर बेदी के स्टाइल, आवाज़ और बॉडी लैंग्वेज की तारीफ हुई थी। यह भूमिका उन चुनिंदा फिल्मों में से थी जहां उन्होंने पूरी तरह निगेटिव रोल निभाया और फिर भी लोगों ने उनके अभिनय की सराहना की।
🌟 फिल्म की सफलता
‘खून भरी मांग’ बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी। फिल्म की कहानी, निर्देशन, रेखा का मेकओवर और कबीर बेदी का एंटी-हीरो अवतार, सभी दर्शकों को खूब भाए।
यह फिल्म रेखा के करियर का टर्निंग पॉइंट बनी और उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। वहीं कबीर बेदी को भी एक यादगार विलेन के तौर पर लोगों ने याद रखा।
📢 कबीर बेदी का नजरिया
आज जब कबीर बेदी अपने करियर को पीछे मुड़कर देखते हैं, तो ‘खून भरी मांग’ को वह बॉलीवुड में अपनी वापसी का एक खास जरिया मानते हैं।
वह कहते हैं:
“यह फिल्म साबित करती है कि अगर किरदार दमदार हो, तो फिल्म हिट होती ही है। रेखा जैसी कलाकार के साथ काम करके मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला।”
🗝️ निष्कर्ष
‘खून भरी मांग’ सिर्फ एक बदले की कहानी नहीं थी, बल्कि यह उस दौर की फिल्मों से हटकर थी जहां महिला पात्र इतनी मजबूती से उभरी थी। कबीर बेदी का किरदार इस कहानी को जरूरी संतुलन देता है और फिल्म की सफलता में उनकी अहम भूमिका थी।
उनका यह कहना एक सच है –
“एक अच्छा कलाकार वही है जो नायक हो या खलनायक, दर्शकों को अपने किरदार से जोड़े रखे।”
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